Wednesday, March 07, 2012

बलम रंग रसिया हो!

रंगी रे चुनरिया हो!
बलम रंग रसिया हो!

मनवा में हूक उठै,
देवर-ननदिया दौड़ाई,
गव्वा के देहरिया हो!
बलम रंग रसिया हो!

यार संगे द्वार बैठे,
हम भीतर अकुलाई,
चढी देखि अटरिया हो!
बलम रंग रसिया हो!

घेरी घेरी रंग डारै,
सारे अवध के भौजाई,
हमार जरै जेयरा हो!
बलम हरजैय्य  हो!

बिना साज-सिंगार देखे,
रंग डारै झकाझोर,
भरि के पिचकरिया हो!
बलम रंग रसिया हो!

लाल लाल रंग चढे,
तोहरी सोहबत से,
भीगी रे पियरिया हो!
बलम रंग रसिया हो!

कौन कम है हियाँ के जमीनिया,
काहें छोड़ी जाए आपन पुरनिया, (बुजुर्ग)
अब ना जायो नौकरिया हो!
बलम परदेसिया हो!

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