Saturday, January 14, 2012

मै भी लड़ना चाहती हूँ! mai bhi ladala chahti hoon

मै भी लड़ना चाहती हूँ! मुझे लड़ने दो!

हार का मै स्वाद चखना चाहती हूँ.
जीत का अभ्यास करना चाहती हूँ.

प्रेयसी बन बन के हो गई हूँ  बोर!

मै नए किरदार बनना चाहती हूँ. 
मै भी जिम्मेदार बनना चाहती हूँ.

सीता-गीता मेरे अब नाम मत रखो!


धनुष का मै तीर बनाना चाहती हूँ,
गरल पीकर रूद्र बनना चाहती हूँ.

अपने पास ही रखो हमदर्दी अपनी!


खड़े होकर सफ़र करना चाहती हूँ,
'बसो' का मै ड्राइवर बनना चाहती हूँ.

मै भी लड़ना चाहती हूँ.


मेरी राह के हर एक दीपक बुझा दो!

बिजली के खम्भे बनना चाहती हूँ. 
स्वयं जलकर भस्म बनना चाहती हूँ.

नर्स या फिर शिक्षिका नहीं केवल! 


कोयले की खान खोदना चाहती हूँ,
ओलम्पिक से पदक लाना चाहती हूँ.

बस! अब और नहीं चाहिए आरक्षण! 


मै तो बस एक हक चाहती हूँ,
भ्रूड में मै नहीं मरना चाहती हूँ.

लड़की हूँ तो क्या हुआ! मै भी लड़ना चाहती हूँ.

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